हिंदी व्याकरण संज्ञा | संज्ञा के 5 प्रकार | संज्ञा के भेद

हिंदी व्याकरण संज्ञा

संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते है, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते है। दूसरे शब्दों में किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण या भाव के नाम को संज्ञा कहते है।
जैसे-
प्राणियों के नाम-  सुनील,मोर, घोड़ा, अनिल, किरण, जवाहरलाल नेहरू आदि।
वस्तुओ के नाम- पेड़, नदी,अनार, रेडियो, किताब, सन्दूक, आदि।
संज्ञा के 5 प्रकार

संज्ञा के 5 प्रकार-

  • 1 समूहवाचक संज्ञा
  • 2 द्रव्यवाचक संज्ञा
  • 3 जातिवाचक संज्ञा
  • 4 व्यक्तिवाचक संज्ञा
  • 5 भाववाचक संज्ञा

1) समूहवाचक संज्ञा

जो संज्ञा किसी वस्तु या फिर व्यक्ति के समूह का बोध करे समूहवाचक संज्ञा (Noun) कहलाती है।

उदाहरण-

    1. उसकी कक्षा में 40 विद्यार्थी हैं।
    2. मेरे पास 5 खिलोनें हैं।
    3. उसके घर 10 डिब्बे हैं।
    4. मेरे पास एक पंखा है।

2) जातिवाचक संज्ञा

शब्द के जिस रुप से किसी प्राणी, वस्तु अथवा स्थान की पूरी जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण-
  1. पक्षी दाना चुग रहे हैं।
  2. चूहे सर्वाहारी होते हैं।
  3. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।

3) व्यक्तिवाचक संज्ञा

किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण-
  1. सार्थक शेळके बाहर खेल रहा है।
  2. रमेश हंस रहा है।
  3. मेरे अध्यापक का नाम श्रीराम है ।
  4. मैं श्रीगोंदा में रहता हूं ।

गहरे रंग में दिया गया शब्द संज्ञा है। इसके स्थान पर वह, यह, वहाँ, आदि आने पर उसे संज्ञा नहीं, सर्वनाम कहते हैं।

4) भाववाचक संज्ञा

वे शब्द जो किसी वस्तु या व्यक्ति के भाव, दशा, अवस्था, गुण, दोष आदि का बोध करवाते हैं उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण-

  1. सार्थक शरारती बच्चा है।
  2. यह घोडा सफेद है।
  3. मोहनदास अमीर है |

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Author: Active Guruji

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